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नई दिल्ली। कोरोना के बाद देश में ब्लैक फंगस का खतरा बना है। इस महामारी को लेकर अभी तक कहा जा रहा था कि यह कोरोना वाले मरीजों को हो रही है। अब कुछ मरीज ऐसे भी मिले हैं जिनको कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ था। ब्लैक फंगस से संबंधित यह डराने वाली खबर है। दरअसल पंजाब में अब तक ब्लैक फंगस के 158 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं। लेकिन इनमें से 32 मरीज ऐसे हैं जिन्हें कभी भी कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ था।
अब तक माना जा रहा था कि जिन लोगों को कोरोना हुआ था उन्हें इलाज में स्टेरॉयड दिए गए, इस वजह से उनमें ब्लैक फंगस का संक्रमण फैला। डॉक्टरों का कहना है कि ये 32 मरीज ऐसे हैं जिन्हें दूसरी बीमारियों के इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए थे। इसलिए ऐसा नहीं है कि कोरोना से ठीक होने वालों में ही ब्लैक फंगस का संक्रमण बढ़ने का खतरा है।
ब्लैक फंगस के लिए पंजाब में नोडल अधिकारी बनाए गए डॉ. गगनदीप सिंह कहते हैं कि जिस भी व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर है, उसे ये बीमारी होने का खतरा है। वो बताते हैं, ब्लैक फंगस छूने से नहीं फैलता है और अगर समय पर इसकी पहचान कर ली जाए तो इसका इलाज संभव है। कोई भी व्यक्ति जिसे किसी बीमारी के इलाज के दौरान ज्यादा स्टेरॉयड दिए गए हैं, वो ब्लैक फंगस का शिकार बन सकता है।